आर्थिक घडामोडी

“शिक्षा बचाओ, स्कूल बचाओ” रैली को भारी बारिश में भी मिला जबरदस्त समर्थन

औरंगाबाद, 28 जुलाई (रिपब्लिक वॉइस इंडिया – मानसी कुऱ्हाडे)
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से लेकर संभाजीनगर (औरंगाबाद) स्थित जिलाधिकारी कार्यालय तक भारतीय विद्यार्थी मोर्चा द्वारा “स्कूल बचाओ, शिक्षा बचाओ” रैली का आयोजन किया गया।

महाराष्ट्र और पूरे देश में आरएसएस के प्रभाव में काम करने वाली भाजपा सरकार द्वारा हजारों स्कूलों को बंद किया जा रहा है, जिससे बहुजन समाज के एससी, एसटी, एनटी, वी.जे.एन.टी., ओबीसी, अल्पसंख्यक और आदिवासी वर्ग के बच्चों की शिक्षा के द्वार बंद हो रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मनुस्मृति के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें बहुजनों को शिक्षा के अधिकार से वंचित रखने की मानसिकता झलकती है। इस नीति के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में भेदभाव को दोहराया जा रहा है।

इसके विरोध में महाराष्ट्र सरकार द्वारा पारित जनहित कानून की अवहेलना कर ओबीसी, आदिवासी, किसान, श्रमिक और महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। एक ओर धार्मिक अनुष्ठानों पर करोड़ों रुपए का अनुदान दिया जा रहा है, तो दूसरी ओर सरकारी स्कूलों के लिए यह कहकर फंड नहीं दिया जा रहा कि खजाने में पैसे नहीं हैं।

इस पृष्ठभूमि में आयोजित रैली में भारी बारिश के बावजूद महाराष्ट्र के कोने-कोने से हजारों छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर सिद्धांत मौर्य, प्रताप दादा पाटिल, दीपक इंगले और जितेंद्र भोसले ने अपने विचार रखे। अंत में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए रैली का समापन हुआ।

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